मीरा भजनमाला

8. दूखण लागे नैन …………………….

दरस बिन दूखण लागे नैन। जबसे तुम बिछुड़े प्रभु मोरे, कबहुं न पायो चैन। सबद सुणत मेरी छतियां, कांपै मीठे लागै बैन। बिरह व्यथा कांसू कहूं सजनी, बह गई करवत ऐन। कल न परत पल हरि मग जोवत, भई छमासी रैन। मीरा के प्रभु कब रे मिलोगे, दुख मेटण सुख देन।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Select Dropdown