मीरा भजनमाला

7. कोई कहियौ रे …………………….

कोई कहियौ रे प्रभु आवनकी, आवनकी मनभावन की। आप न आवै लिख नहिं भेजै , बाण पड़ी ललचावनकी। ए दोउ नैण कह्यो नहिं मानै, नदियां बहै जैसे सावन की। कहा करूं कछु नहिं बस मेरो, पांख नहीं उड़ जावनकी। मीरा कहै प्रभु कब रे मिलोगे, चेरी भइ हूं तेरे दांवनकी।

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