मीरा भजनमाला

42. तुमरे दरस बिन बावरी …………………….

दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी-नगरी कैसे आऊं मैं तेरी गोकुल नगरी दूर नगरी बड़ी दूर नगरी रात को आऊं कान्हा डर माही लागे, दिन को आऊं तो देखे सारी नगरी। दूर नगरी… सखी संग आऊं कान्हा शर्म मोहे लागे, अकेली आऊं तो भूल जाऊं तेरी डगरी। दूर नगरी….. धीरे-धीरे चलूं तो कमर मोरी लचके झटपट चलूं तो छलकाए गगरी। दूर नगरी…. मीरा कहे प्रभु गिरधर नागर, तुमरे दरस बिन मैं तो हो गई बावरी। दूर नगरी….

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Select Dropdown