31. प्रभु किरपा कीजौ …………………….
स्वामी सब संसार के हो सांचे श्रीभगवान।। स्थावर जंगम पावक पाणी धरती बीज समान। सबमें महिमा थांरी देखी कुदरत के कुरबान।। बिप्र सुदामा को दालद खोयो बाले की पहचान। दो मुट्ठी तंदुलकी चाबी दीन्हयों द्रव्य महान। भारत में अर्जुन के आगे आप भया रथवान। अर्जुन कुलका लोग निहार््या छुट गया तीर कमान। ना कोई मारे ना कोइ मरतो, तेरो यो अग्यान। चेतन जीव तो अजर अमर है, यो गीतारों ग्यान।। मेरे पर प्रभु किरपा कीजौ, बांदी अपणी जान। मीरा के प्रभु गिरधर नागर चरण कंवल में ध्यान।।