मीरा भजनमाला

28. कीजो प्रीत खरी …………………….

बादल देख डरी हो, स्याम! मैं बादल देख डरी। श्याम मैं बादल देख डरी। काली-पीली घटा ऊमड़ी बरस्यो एक घरी। श्याम मैं बादल देख डरी। जित जाऊं तित पाणी पाणी हुई भोम हरी।। जाका पिय परदेस बसत है भीजूं बाहर खरी। श्याम मैं बादल देख डरी। मीरा के प्रभु हरि अबिनासी कीजो प्रीत खरी। श्याम मैं बादल देख डरी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Select Dropdown