16. प्राण अधार …………………….
हरि मेरे जीवन प्राण अधार। और आसरो नांही तुम बिन, तीनूं लोक मंझार।। हरि मेरे जीवन प्राण अधार आपबिना मोहि कछु न सुहावै निरख्यौ सब संसार। हरि मेरे जीवन प्राण अधार मीरा कहैं मैं दासि रावरी, दीज्यो मती बिसार।। हरि मेरे जीवन प्राण अधार