मीराबाई के सुबोध पद

19. राग पूरिया कल्याण

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साजन, सुध ज्यूं जाणो लीजै हो। तुम बिन मोरे और न कोई, क्रिपा रावरी कीजै हो।। दिन नहीं भूख रैण नहीं निंदरा, यूं तन पल पल छीजै हो। मीरा के प्रभु गिरधर नागर , मिल बिछड़न मत कीजै हो।।19।।

शब्दार्थ /अर्थ :- साजन =प्रियतम। रावरी =तुम्हारी। निंदरा =नींद। बिछड़न =वियोग।